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कृपाकंड निबंध sentence in Hindi

pronunciation: [ keripaakend nibendh ]
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  • घनानंद द्वारा रचित ग्रंथों की संख्या ४१ बताई जाती है पर अब जो रचनाएँ मिलती है उनके नाम हैं सुजान हित, प्रेम सरोवर, गोकुल विनोद, प्रिय प्रसाद,प्रेम पत्रिका | घनानंद ग्रंथावली में उनकी १६ रचनाएँ संकलित हैं घनानंद के नाम से लगभग चार हजार की संख्या में कवित और सवैये मिलतें हैं | इनकी सर्वाधिक लोकप्रिय रचना 'सुजान हित ' है, जिसमें ५०७ पद हैं | इन में सुजान के प्रेम,रूप,विरह आदि का वर्णन हुआ है | सुजान सागर, विरह लीला, कृपाकंड निबंध, रसकेलि वल्ली आदि प्रमुख हैं।

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